साधारण साथ में छिपा प्यार
प्यार सिर्फ भव्य इशारों और महंगे तोहफों तक सीमित नहीं होता; ये उन छोटे-छोटे लम्हों में बसता है, जो हम एक-दूसरे के साथ बिताते हैं, एक-दूसरे का साथ देते हैं, और रोज़मर्रा के कामों में खुशियाँ ढूंढते हैं। आज हम एक युवा भारतीय जोड़े की ज़िन्दगी में झांकते हैं, जो अपने पारंपरिक घर में एक-दूसरे के साथ प्यार को जी रहे हैं।
इस विशाल हॉल में, जो पारंपरिक भारतीय सजावट से सजा हुआ है, आप उनके बीच की नज़दीकियों को महसूस कर सकते हैं। पति, हल्के रंग का कुर्ता-पजामा पहने, मुस्कुराते हुए फर्श पर झाड़ू लगा रहे हैं, और बीच-बीच में अपनी पत्नी की ओर देखते हैं। उनकी पत्नी, जो एक रंग-बिरंगी साड़ी में सजी हुई है, पीतल के फूलदान में फूल सजा रही हैं, और उनकी चूड़ियों की खनक इस लम्हे को और भी मधुर बना रही है। खिड़की से आती धूप उनके रिश्ते की गर्मजोशी को और निखार देती है।
उनका प्यार इन छोटे-छोटे कामों में झलकता है—ना कोई भव्य इज़हार, ना कोई खास दिखावा। बस साधारण साथ। उनका घर उन लम्हों की नर्म धुन से भरा हुआ है, जहाँ हर काम एक-दूसरे की देखभाल का प्रतीक बन जाता है।
1.
"घर में जब साथ तुम्हारा होता है,
हर कोना जैसे हंसता-गाता होता है,
तुम्हारे संग मिलकर कामों का बोझ भी,
इक प्यारी सी राहत में बदल जाता है।"
(अनुवाद:
"जब तुम साथ होते हो, घर के हर कोने में खुशी बस जाती है।
तुम्हारे साथ मिलकर कामों का बोझ भी प्यार की मीठी राहत में बदल जाता है।")
"तुम्हारे संग घर की हर दीवार सजती है,
साथ हो तुम तो हर सुबह नई लगती है,
साफ़-सुथरा ये घर हमारा, तुमसे है,
तुम्हारे बिना ये वीरान-सी लगती है।"
(अनुवाद:
"तुम्हारे संग घर की हर दीवार सज जाती है,
तुम्हारे होने से हर दिन नया लगता है।
घर की सफाई और सुंदरता, तुमसे है,
तुम्हारे बिना सब सूना लगता है।")
"तेरे संग सफर हर रोज़ का, आसान सा हो जाता है,
कामों में जो प्यार तेरा, वो दिल को सुकून दे जाता है,
झाड़ू में भी हो जैसे तेरी मुस्कान की चमक,
तेरे साथ मेरा ये जीवन, जैसे सपना सा हो जाता है।"
"तुमसे हर कोना जैसे सजीव हो जाता है,
सादगी में भी प्यार गहरा दिख जाता है,
तुम संग ये छोटी-छोटी जिम्मेदारियां भी,
मेरे लिए सबसे खूबसूरत पल बन जाता है।"
"कामों में भी जब साथ तुम्हारा होता है,
हर पल जैसे त्योहार का एहसास होता है,
तुम्हारे बिना ये घर महज चार दीवारें है,
तुम्हारे साथ इसमें सारा संसार होता है।"
और शायरी:
"प्यार वो है जो चुपके से मुस्कुराए,हर पल तुम्हें अपना बनाए,
जहां साथ हो तुम्हारा ज़िन्दगी के सफर में,
वहां हर काम में खुशी ही खुशी आए।"
(अनुवाद:
"प्यार वो है जो चुपके से मुस्कुराए,
हर पल तुम्हें अपना बनाए,
जहां साथ हो तुम्हारा ज़िन्दगी के सफर में,
वहां हर काम में खुशी ही खुशी आए।")